Hindi poem मेरी ज़िन्दगी | hindi poem on life

मेरी ज़िन्दगी 

ज़िन्दगी चंद दिनों की मेहमान है 
हर -पल ज़िन्दगी का इम्तिहान है 


ज़िन्दगी सुख-दुःख की कहानी है 
हर-पल  में पानी है 


hindi poem on zindagi

Meri Zindagi



ज़िन्दगी खूबसूरत सपनों की ख़्वाहिश है 
ज़िन्दगी से बस मेरी यही फरमाइश है 
हर पल ज़िन्दगी में मेला है 
फिर भी मेले में हर पल रहना अकेला है 


बुरा भला कहना दुनिया का दस्तूर है 
पर ज़िन्दगी को प्यार करना इंसान तेरा वसूल है 


प्यार में तो सब कुछ कबूल है 
पर जो दुनिया झूठे सपने देखती है वो उसकी भूल है 


ज़िन्दगी खूबसूरत पलों की मेज़बान है 
हर-पल हर-दिन हर लम्हा ज़िन्दगी की ऐलान है 


प्यारी-प्यारी रातों में प्यारी-प्यारी बातें 
हर-पल ज़िन्दगी में हैं खूबसूरत यादें 


ज़िन्दगी कठिनाइओं से भयभीत है 
पर कठिनाइओं से लड़ना इंसान तेरी जीत है 
ज़िन्दगी प्रीत है पर हर-पल नयी रीत है 


टूटकर इंसान कभी संभल नहीं पाता है 
प्यार में अक्सर वो धोखा खाता है 


करके इशारे ज़िन्दगी कितनों को बुलाती है 
पर सबसे कई वादे करके मुकर जाती है 


सबको रुलाकर दूर चली जाती है 
उसे अपने खाश लोगों की याद भी नहीं आती है 


कितनी अनमोल होती है ज़िन्दगी 
फिर भी क्यों ज़िन्दगी को कर देते है गंदगी 
उसे हर पल करनी चाहिए रब की बंदगी 
यही इंसान है तेरी ज़िन्दगी