कुछ नया |
ये दुनिया नई है ये राते नई हैं
दुनिया में लोगो की बातें नयी हैं
समां भी नया है हंसी भी नयी है
सबके चहरे पर ख़ुशी भी नयी है
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मौसम सुहाना समां रो पडी है
बागों में कलियाँ मिलन को खड़ीं हैं
ये मौसम सुहाना ये ऋतू भी नयी है
सभी के दिलों की उमंगें नयी हैं
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नयी भावनाएं नयी ये घडी है
नया ये सफ़र नयी जिंदगी है
डगमग रास्ता मंजिल नई है
सबको अपने मंजिल की पड़ी है
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खुशियों के दीप मन के उजाले
जगाते चलो सबके दिलों में प्रेम के उजाले
नयी भावनाएं उमंगें नई हों
हर किसी की जिंदगी एक लक्ष्य बनकर खड़ी हो
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लक्ष्य को छूने की कोशिस में लगें हों
ऐसे ही कुछ सबकी जिंदगी हो
युवा पीढ़ी की सोच भी नई हो
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हर पल सबके चहरे पर एक नई ख़ुशी हो
हर तरफ खुशियों की घडी हो
ऐसे ही कुछ सबकी जिंदगी हो .
2 टिप्पणियाँ
Very nice poem
जवाब देंहटाएंVery nice poem heart touching
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