कुछ दस्ताने ऐसी भी


कुछ दस्ताने ऐसी भी 

माँ का प्यार मिला  ,पिता का प्यार मिला 
उन्हें ऐसा सुखी संसार मिला
एक राही मिला ,एक पथ भी मिला 
उस राही को पथ तय करने का संही वक़्त मिला

     


जीवन साथी मिले कई सपने सजे 
उन सपनो को सच करने का संही वक़्त मिला 
किसी को काटे मिले ,किसी को फूल मिले 
उसे फूलों भरी एक सेज मिली

     


फिर पास गया कुछ और मिला 
एक सपनो भरा संसार मिला 
वंहा पर प्यार हुआ इकरार हुआ 
फिर दोनों से इजहार हुआ

     


फिर दोनों का दिल एक हुआ 
कुछ नेक हुआ, कुछ  ठीक हुआ 
माँ का दुलार मिला  ,पिता का प्यार मिला 
उन्हें ऐसा सुखी संसार मिला

     

उस राही की एक परीक्षा थी 
उसको जीने की इच्छा थी 
संकल्प भरा ,संघर्ष भरा 
उसके जीवन का जीना था 

     


मानो उसने कोई कर्ज लिया 
तन्हाई भरा एक दर्द लिया 
उस कर्ज का पश्चाताप किया 
उस दर्द को उसने सहेन किया 

     


ऐसा उसका कुछ जीना था 
मानो उसका कुछ छीना था 
था दर्द लिए एक झोली में 
दुनिया की रंग्रंगोली में 

     


उसके कुछ ऐसे सपने थे 
उसके भी कुछ अपने थे 
एक भीड़ में थे बिछड़ गये 
माँ -बाप से वो दूर गये 

     


एक बच्चे को ,वो गोद लिए 
था इधर -उधर वो भटक रहा 
बच्चे की चीखों को देख -देख 
वो भी था घबराया हुआ

     


वो भी था बिलख रहा ,वही बच्चा उसका साया था 
बच्चे की हालत देख -देख वो भी दुनिया से निकल पडा 
बच्चा तो एक बच्चा था, उसका ह्रदय बड़ा सच्चा था 
दुनिया की रागरलियों में उसने जीवन पाया था 

     


पर उसके सर पर नहीं बचा 
उसके ममता का साया था 
धीरे धीरे वो बड़ा हुआ 
अपने पैरों पर खड़ा हुआ

     


फिर एक दिन कुछ ऐसा हुआ 
था इंटरव्यू में खड़ा हुआ 
इंटरव्यू  में प्रश्न था अपना फैमिली बैकग्राउंड बता 
इस प्रश्न को सुनते ही उसकी थी आँखें भर आई 

     


फिर एक राहगीर था खड़ा हुआ 
उसने बच्चे को पहचान लिया 
पहचानते ही उस बच्चे को उसने गले से लगा लिया 
फिर उस बच्चे से उस राहगीर ने

     


 उसका आतीत था बतलाया 
अपने अतीत को सुनते ही
 बच्चा चीख -चीख कर  चिल्लाया 
माता -पिता की अहमियत को 
कुछ इस प्रकार है बतलाया .






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