अब आदमी नहीं सैतान हो गया
प्यार का खेल -खेल कर हैवान हो गया
आज - कल के बुड्ढे भी शर्म नहीं खाते हैं
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मिल जाये अगर छोरी तो जोर से मुस्कुराते हैं
बाल तो पाक गये डायी भी लगवाते हैं
पहेन के पैंट - शर्ट रोब ख़ूब जमाते हैं
और फिर इतना ही नहीं टाई भी लगाते हैं
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मिल जाये अगर चस्मा तो वो भी लगा लेते हैं
प्यार की बात करो जोर से मुस्कुराते हैं
सुनते हैं गाना मुन्नी बदनाम शीला की जवानी
इन्ही गानों को सुनकर उनके मुह में आ जाता है पानी
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फिर होती है उनको हैरानी
की घर में बैठी है उनकी बुड्ढी रानी
ख़ुशी से उनके मुह में आ जाता है पानी
बुड्ढी आकर बोली ये कैसे गाने सुनते हो
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क्यों इन गानों को सुनकर जोर से मुस्कुराते हो
तो बुड्ढा बोला आकर बैठो रानी तुम्हे भी सुनते हैं
क्या करे इन गानों को सुनते ही फिसल जाते हैं
ऐसा लगता है जवानी के दिन लौट आते हैं
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जब होती है हैरानी तो रोक नहीं पाते हैं
ऐसे गानों को सुनकर खुद बा खुद फिसल जाते हैं
बिस्तर में अगर लेते हों तो उठ कर बैठ जाते हैं
तभी इन गानों को सुनकर जोर से मुस्कुराते हैं
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