सुनहरी यादे | sunahri yaden | foggy memories | hindi story



सुनहरी  यादे 
एक बार की बात हैं एक लड़की कॉलेज में दाखिले के लिए जाती है लेकिन पहुँचते पहुँचते थोड़ी देर हो जाती है और वहां पहुँच कर देखती है की दाखिले के लिए लम्बी सी कतार लगी हुयी है. ऐसा देखकर वह सोच में पड़ जाती है की उसका दाखिला हो पाना तो नामुमकिन ही है क्युकी ये दाखिले का आख़िरी दिन था. 


लेकिन कुछ समय सोचने के बाद वो सबसे पीछे कतार में जाकर लग जाती है. धीरे-धीरे, जब शाम होने को होती है तो वह बहुत परेशान होने लगती है क्यूंकि क़तार बहुत लम्बी थी और उसका घर भी कोसों मील दूर था.



*** Hindi Love Story ***


उसके चेहरे पर चिंता की लकीरे स्पष्ट झलकने लगती है. तभी दूसरी कतार में खड़े हुए एक लड़के की नज़र उस पर पड़ती है.
उसकी मदद करने के लिए, वह जल्दी से आकर लड़की का दाखिला पत्र लेकर चला जाता है. कुछ समय बाद, वह उसका और अपना दाखिला पत्र जमा करके आ जाता है.

अपना दाखिला हो जाने से लड़की बहुत खुश होती है और उसका धन्यवाद अदा करते हुए कहती है ,"आप बहुत नेक दिल इन्सान हैं मै आपका यह अहसान कभी नहीं भूलूंगी."  लड़का कहता है," नहीं ऐसी कोई बात नहीं है. मुझे परेशान लोगों की मदद करना पसंद है."

लड़की मुस्कुराती है और चमक भरी आँखों से लड़के को देखती है.

लड़का, लड़की से उसका नाम पूछता है तो वह धीमे स्वर में अपना नाम सुनीता बताती है और फिर लड़की, लड़के से उसका नाम पूछती है तो वह अपना नाम मोहित बताता है.

इस तरह दोनों में बातों का सिलसिला शुरू हो जाता है.

सूरज जैसे-जैसे ढल रहा था बाते वैसे-वैसे बढ़ रही थी.

अब रात का अँधेरा काफी बढ़ चुका था और दोनों को घर वापस भी जाना था . चूकी दोनों का घर एक ही रस्ते पर होता है तो दोनों एक साथ निकल पड़ते है.

रात का समय था और रास्ता बिलकुल सूनसान. दोनों थोडा डरते हुए और बाते करते हुए आगे बढ़ते जा रहे थे.

अचानक किसी के पैरों की आहत होती है और लड़की घबरा कर लड़के से कहती है की "अब क्या होगा काफी रात भी हो चुकी है कोई दिख भी नहीं रहा है, ये किसके पैरों की आवाज हो सकती है?" 
लड़का उसे धीरज धराता है और तेज चलने को कहता है. कुछ ही समय में   लड़की का गाँव आ जाता है. वह लड़के को अलविदा कहकर अपने घर  चली जाती है .



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इधर  उसके माता -पिता बहुत परेशान थे और दरवाजे पर नज़र गडा कर बैठे थे. जैसे ही वो आती है उसके माता -पिता चैन की साँस लेकर पूछते हैं "अब तक कहाँ थी इतनी देर क्यों हो गयी?" वो माता-पिता से सब कुछ बताती है. 
उसके माता -पिता को लड़के के साथ उसका आना पसंद नहीं आता है और उसे डाट देते हैं और उसे कॉलेज जाने से मना करते है.

इधर लड़का कॉलेज आना लगता है. वह उस लड़की बहुत खोजता है परन्तु मिल नहीं पाता है. उसकी व्याकुलता की वजह से वह किसी और कार्य में अपना ध्यान नहीं लगा पता है.

 कुछ दिन बीतने के बाद, लड़की अपने माता-पिता को कॉलेज जाने के लिये मना लेती है और कॉलेज जाती है .

*** Best hindi kahani ***

जब लड़का उसे देखता है तो देखता ही रह जाता है लड़की बहुत ही सुन्दर और नर्म दिल की थी. उसके काले -काले बाल बड़ी -बड़ी आँखें  उस लड़के के दिल में घर कर गयी अब वह रोज क्लास खत्म होने के बाद उसका इंतजार करता और उससे ढेर सारी बाते करता, साथ में घर जाता और घर जाकर भी उसके बारे में ही सोचता रहता.




कुछ दिनों तक ऐसा चलता रहा. फिर परीक्षा की तारीख भी नजदीक आ गयी. दोनों पढ़ते रहे, परीक्षा देते रहे और इसी तरह मिलते रहे.

और उधर लड़की के घर में उसकी शादी की बात चल रही थी जिससे वह बिलकुल अनजान है.

धीरे धीरे परीक्षा का आख़िरी दिन आ गया. उस दिन दोनों मिलते हैं और ढेर सारी बाते करते हैं साथ में सिनेमा भी देखने जाते हैं अब तक दोनों को एक दूसरे से प्यार हो चुका होता है लेकिन दोनों एक दूसरे से कहने से डरते है.

उस दिन दोनों साथ-साथ घर एक दूसरे का हाथ पकड़ कर जाते है और जब लड़की का घर आ जाता है तो एक दूसरे का हाथ छोड़ते वक़्त दोनों की आँखें आशुओं से भर आती हैं.दोनों एक दूसरे अलविदा बोल देते हैं और लड़का वहां से चला जाता हैं.



जैसे ही लड़की आंशुओ को पोछते हुए घर में प्रवेश करती है उसे उसकी शादी की खबर सुनाई जाती है. शादी की खबर सुनते ही, लड़की के मानो जान ही न रह गयी हो. वो थोडा सा मुस्कुराने का दिखावा करके अपने कमरे में चली जाती है और उस लड़के के बारे में सोचती रहती है. 

शाम हो चुकी होती हैं. वह खिड़की के पास बैठकर गलियों को निहारती रही और उसके बारे में सोचती रही उधर लड़के का भी कुछ यही हाल था.

अब खिडकियों के पास बैठकर गलियों को निहारना और उसी लड़के के बारे में सोचते रहना लड़की की रोज -रोज की आदत बन गयी. कुछ दिनों बाद उसकी शादी हो जाती है लेकिन वो अब भी उसे भुला नहीं पाई थी. कभी उसे याद करके अकेले में मुस्कुराती तो कभी रोती थी.


*** Story in hindi ***


एक दिन वह और उसका पति दोनों उसी सिनेमा घर में पिक्चर देखने के लिए जाते हैं जहाँ वह उस लड़के के साथ गयी थी और फिर अचानक से वह लड़का भी वही आ जाता है.
उस लड़के को देखकर कुछ देर तक तो वह सोचती रहती है की कही वह सपना तो नहीं देख रही लेकिन ये हकीकत होता है. दोनों एक दोनों की तरफ देखकर मुस्कुराते हैं और एक दूसरे को बार -बार देखते रहते हैं. लेकिन एक दुसरे से मिल नहीं पाते है.


घर जाकर लड़के की आँखों में बार -बार वह बड़ी बड़ी चमकीली आँखे लम्बे -लम्बे बाल और उसकी मुस्कान बार -बार आती है और सोचता है की अगर उस दिन इजहार कर दिया होता तो शायद ऐसा नहीं होता.

इधर लड़की भी यही सोचती हैं लेकिन अब कुछ बदल नहीं सकता था,दोनों को एक दूसरे से दूर रहना ही उचित था.


लेकिन वो कॉलेज के दिन वह साथ गुज़ारे हुए लम्हे और एक दूसरे से किये गये वादें कही गयी बातें तो अब एक सुनहरी याद बनकर रह गयी थी.

दोस्तों हम सभी के आम जीवन में भी कोई न कोई सुनहरी यादें तो होती ही हैं और हम उन्हें याद करके कभी खुश होते हैं तो कभी दुखी.
पर यादें तो यादें होती हैं वो कभी न कभी किसी न किसी समय परआ ही जाती है .


यादों के मंजर कुछ इस कदर आते हैं 
आँख भरी हो फिर भी सुहाने नज़र आते हैं 
एक ही पल में हमें झकझोर से जाते हैं 
मानो कुछ खोया हुआ वापस दे जाते हैं.



*** nice hindi lines ***

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